Times Now Summit: 15 अगस्त तक 75 और अगले 3 साल में 475 वंदे भारत ट्रेन-रेल मंत्री

Times Now Summit 2022: टाइम्स नाउ देश के बेहतरीन लोगों को एक मंच पर लेकर आया है। टाइम्स नाउ समिट में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी शिरकत की। और उन्होंने रेलवे के आधुनिकीकरण के प्लान पर विस्तार से बात की।

मुख्य बातें
  • पिछले बजट में 400 वंदे भारत ट्रेनें मंजूर की गई थीं
  • 138 स्टेशनों का मास्टर प्लान तैयार, हो रहा है काम
  • 15 अगस्त 2023 तक चलेंगी 75 वंदे भारत ट्रेन
Times Now Summit 2022: रेल मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने टाइम्स नाउ समिट में कहा कि सरकार का कुल 475 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने का लक्ष्य है। टाइम्स नाउ की एग्जीक्यूटिव एडिटर पद्माजा जोशी से बातचीत के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि पिछले बजट में 400 वंदे भारत ट्रेनें मंजूर की गई थीं और उससे पहले 75 ट्रेनें मंजूर की गई थीं। इसलिए लक्ष्य 475 वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Train) का है। आने वाले 3 वर्षों में हम इसे हासिल कर लेंगे। 15 अगस्त तक 75 वंदे ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य भी पूरी तरह पटरी पर है।
बहुत सारे देशों में वंदे भारत ट्रेन के लिए रुचि दिखी क्योंकि इनकी क्वालिटी बहुत अच्छी है। ये आज कोई भी वर्ल्ड क्लास ट्रेन के करीब-करीब बराबर है। दुनिया के बड़े मैन्युफैक्चरर्स द्वारा निर्मित ट्रेनों को अगर 1 से 10 के स्केल में 8 या 9 नंबर मिलते हैं, तो वंदे भारत ट्रेन को 7 या 8 अंक मिलते हैं। ट्रेन हर वर्जन के साथ बेहतर हो रही है। आने वाले सालों में इस टेक्नोलॉजी का निर्यात भी होगा।
आम आदमी की सवारी
एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के स्टेशन में कुछ यात्रियों से बात की थी। यात्रियों ने कहा था कि इस ट्रेन से जितना समय हमारा बचता है, वो समय अपने आप में इतना कीमती है कि हमें जो एक्स्ट्रा कॉस्ट देनी पड़ती है, वो भी ठीक है। वैष्णव ने कहा कि आज वैसे भी रेलवे का किराया काफी कम है। रेलवे सोसायटी के मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास के लोगों के लिए है। इसलिए यह एक किफायती सर्विस है।
खास है वंदे भारत का डिजाइन
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से गाय के टकराने वाले मामले पर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सारी दुनिया में जब भी कोई हाई स्पीड से चलने वाला वाहन बनता है, चाहे वो कार हो या ट्रेन या ट्रक, उसमें हमेशा क्रम्बल जोन का एक कॉन्सेप्ट होता है। इसका अर्थ है कि काइनेटिक एनर्जी को एब्जॉर्ब करने का एलिमेंट हमेशा उसमें रहता है, ताकि कोई दुर्घटना ना हो। वंदे भारत में जो ट्रेन का डिजाइन किया गया है, उसके आगे का हिस्सा डिस्मैंटल के लिए डिजाइन किया गया है। मान लो अगर ट्रैक पर आगे से कुछ आता है, तो उससे टकराते ही ट्रेन का आगे वाला हिस्सा डिस्मैंटल हो जाता है। जैसे गाड़ी के आगे बंपर होता है, वैसे ही इस ट्रेन को भी डिजाइन किया गया है। आज के समय में जितनी भी ट्रेनें डिजाइन होती हैं, उनके आगे के हिस्से में क्रम्बल जोन होता है। अगर गलती से दो ट्रेनें आमने- सामने आती हैं, तो सिर्फ वही वाला हिस्सा क्रम्बल होगा।
बुलेट ट्रेन पर क्या है अपडेट?
पिछले तीन सालों से फेंसिंग का काम भी चल रहा है। रही बात बुलेट ट्रेन की, तो ये हमेशा एलिवेटिड ट्रैक पर रहती हैं। पिलर के ऊपर वायर डक्ट होता है, जिन पर बुलेट ट्रेन चलती हैं। बुलेट ट्रेन का डिजाइन वाला फेज बहुत मुश्किल होता है। कई देशों का इसमें काफी समय लगा है। हमें भी ट्रेन के डिजाइन में थोड़ा ज्यादा समय लग रहा है। बुलेट ट्रेन 320 kmph की स्पीड में चलती है।
138 स्टेशनों का मास्टर प्लान
रेलवे स्टेशन के बारे में प्रधानमंत्री ने हमें एक विजन दिया है। इसके तीन जरूरी एलिमेंट्स हैं। पहला यह है कि स्टेशन शहर का सिटी सेंटर बनना चाहिए। उसे इस तरह से रिडेवलप करो कि वो जगह सिटी सेंटर बन जाए। दूसरा एलिमेंट है कि स्टेशन शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ने वाला बनना चाहिए। हर स्टेशन में रूफ प्लाजा बनाया जा रहा है। तीसरा एलिमेंट यह है कि शहर के हेरिटेज के हिसाब से स्टेशन का विकास हो, या फिर अल्ट्रा मॉडर्न हो। ये सब सोचकर करीब 138 स्टेशनों का मास्टर प्लान बन चुका है और 57 स्टेशनों के डिजाइन फाइनल हो गए हैं। 41 स्टेशनों पर काम चल रहा है।
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